म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करने के दो तरीके है - SIP व लम्पसम | इन दोनों तरीकें से इन्वेस्ट किया जा सकता है लेकिन दोनों के परफॉर्मेंस की तुलना कई कंडीशन के आधार पर की जाती है | इसके अतिरिक्त SIP व लम्पसम दोनों में अलग-अलग लक्ष्य और रिस्क को ध्यान में रखकर निवेश किया जाता है |
SIP निवेश
SIP में छोटी-छोटी बचत करके निवेश किया जा सकता है अर्थात् SIP के लिए आपके पास ज्यादा पैसा होना जरुरी नही है | SIP स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव के रिस्क को कम कर देता है क्योकिं SIP कम पैसों से शुरु किया जाता है और मार्केट नीचें जाने से आपको कम पैसे से ही ज्यादा म्यूच्यूअल फण्ड यूनिट मिलने लगते है | मतलब SIP से रूपी कास्ट एवरेगिंग का लाभ उठाया जा सकता है | आप SIP को कम पैसे से शुरुआत कर बाद में SIP की रकम बढ़ा भी सकते है |उदाहरण: प्रति महीनें 1000 रूपयें का SIP, 12 महीनें में 12000 रूपयें |
Lumpsum निवेश
म्यूच्यूअल फण्ड में लम्पसम निवेश आपको लम्बें समय में अच्छी रिटर्न देता है लेकिन अगर मार्केट क्रैश होता है तो आपको बहुत ज्यादा लोस भी होता है क्योकिं लम्पसम निवेश में एकमुश्त (बड़ी रकम ) एक ही बार में इन्वेस्ट किया गया होता है | इसलिए लम्पसम निवेश शेयर बाजार के कंडीशन को अच्छी तरह से जाँच परख कर किया जाता है | सही समय में किया गया लम्पसम निवेश लॉन्ग टर्म में शानदार रिटर्न दे सकता है पर लम्पसम निवेश में हमेशा मार्केट मार्केट डाउन होने की चिंता इन्वेस्टर्स को परेशान करती है | मतलब लम्पसम निवेश में रिस्क का स्तर बहुत ज्यादा होता है |उदाहरण: एक बार में ही 12000 रूपयें का लम्पसम निवेश, 12 महीनें में 12000 रूपयें |