इस पोस्ट में हम जानने वाले है कि किसी कंपनी का रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड क्या है और यह ROCE किसी कंपनी के बारे में क्या बताता है | इसके साथ ही हम यह भी देखने वाले है कि ROCE निकालता कैसे है और ROCE व ROE में फर्क क्या है और हमें किसे कब प्रयोग करना है |
Return on Equity क्या है और कितना होना चाहिए ? Return on Equity ( ROE ) in Hindi
इस पोस्ट में हम जानने वाले है कि रिटर्न ऑन इक्विटी क्या है और किसी कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने के लिए कितना होना सही है | इसके साथ हम यह भी जानने वाले है कि किसी कंपनी में रिटर्न ऑन इक्विटी कब देखना है और कब किसी कंपनी में रिटर्न ऑन इक्विटी देखना सही नहीं है |
Return on Equity क्या है (Return on Equity in Hindi)
रिटर्न ऑन इक्विटी या ROE एक प्रॉफिटेबिलिटी रेश्यो है जो यह बताता है कि कंपनी के शेयर होल्डर्स को उनके लगाये पैसे पर कितना कमाई हो रहा है या कहे कि कंपनी के शेयर होल्डर्स को खुद के पैसे पर कितना रिटर्न मिल रहा है | किसी भी कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी जितना ज्यादा होता है यह शेयर होल्डर्स के लिए उतना ही अच्छा है|
Return on Equity कितना होना चाहिए ( Return on Equity Kitna Hona Chahiye )
जब भी हम कही अपना पैसा लगाते है या इन्वेस्ट करते है तो हम उस पर ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते है | इसी प्रकार यदि हम किसी कंपनी में पैसा लगा रहे है तो उस पर भी हम ज्यादा से ज्यादा रिटर्न कमाना चाहते है लेकिन यह ज्यादा कितना होने पर सही है 10%, 20% या और अधिक |
एक कंपनी में पैसा लगाने से पहले हम उस कंपनी का कमाई देखते है जो हमें रिटर्न ऑन इक्विटी से पता चलता है तो एक कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी कितना हो जिससे हम उस कंपनी में अपना पैसा लगाये | हमें किसी कंपनी में कितना का रिटर्न का उम्मीद करना सही है |
रिटर्न ऑन इक्विटी कितना होना सही है इसका उत्तर अन्य इन्वेस्टमेंट के विकल्पों में छिपा हुआ है जैसे अगर हम फिक्स्ड डिपोजिट में अपना पैसा डालते है तो 7% रिटर्न मिलता है, सोना या जमीन खरीदते है तो 9से 10% रिटर्न लॉन्ग टर्म में मिलता है, म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते है तो 12 से 15% मिलता है जिसमें रिस्क किसी कंपनी में निवेश करने से कम होता है तो अगर हम डायरेक्ट किसी कंपनी के शेयर खरीद कर रिस्क ले रहे तो इसका रिटर्न अन्य निवेश विकल्पों से अधिक होना ही सही है |
किसी कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी 20% या अधिक होना सही है क्योंकि एक अच्छा सा म्यूच्यूअल फण्ड हमें 15% का रिटर्न दे सकता है तो डायरेक्ट किसी बिज़नस में 20% रिटर्न की उम्मीद करना गलत नहीं है |
Return on Equity कब देखना है ( Return on Equity Kab Dekhna Hai)
किसी भी कंपनी में अपने पैसे लगाने से पहले हमें उस कंपनी का अच्छे से एनालिसिस करना बहुत जरुरी होता है | जब हम कंपनी का एनालिसिस करते है तो हम उस कंपनी का कई फाइनेंसियल रेश्यो भी देखते है जिसमें से एक बहुत ही महत्वपूर्ण रेश्यो रिटर्न ऑन इक्विटी भी है |
रिटर्न ऑन इक्विटी किसी कंपनी के शेयर होल्डर्स के पैसे पर कमाए गए रिटर्न को बताता है मतलब कि रिटर्न ऑन इक्विटी शेयर होल्डर्स के पैसे से कमाए गए प्रॉफिट से कैलकुलेट किया जाता है और इसी कारण से जब भी हमें रिटर्न ऑन इक्विटी देखना है तो ऐसी कंपनी का देखना है जिस कंपनी में उधार बहुत कम हो |
क्योंकि रिटर्न ऑन इक्विटी के कैलकुलेशन में उधार के पैसे को शामिल नहीं किया जाता है मतलब कि जब भी हमें किसी कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी देखना है तो ऐसी कंपनी का देखना है जिसने बहुत कम उधार लिया है या उस कंपनी ने उधार लिया ही नहीं है |
Blue Chip Companies क्या है | ब्लू चिप कंपनीयो की विशेषता | Blue Chip Companies in Hindi
ब्लू चिप क्या है (Blue Chip Kya Hai)
ब्लू चिप का इतिहास बहुत पुराना है, ब्लू चिप नाम, पोकर नाम के एक खेल से लिया गया है | पोकर खेल में ब्लू चिप सबसे मूल्यवान होता था |ब्लू चिप कंपनी क्या है (Blue Chip Companies in Hindi)
स्टॉक मार्केट में बड़ी कम्पनियों को, जो बड़ी हो गयी है और अपना बिज़नस आसानी से कर रही है| उन कंपनियो को ब्लू चिप कंपनी कहा जाता है |Blue Chip Companies का मार्केट कैपिटलाइजेशन ज्यादा होता है और इन कंपनियों के शेयर प्राइस में उतार-चढ़ाव कम होता है| इसके अतिरिक्त Blue Chip shares या companies की अर्निंग स्थिर व नियमित होती है|
ब्लू चिप स्टॉक का मार्केट वैल्यूएशन भी बहुत अधिक होता है, इसके साथ बाजार में गिरावट (बुलिश मार्केट ) के दौरान भी ब्लू चिप कंपनियों का रिटर्न, स्माल कैप व मिड कैप वाले कंपनियों से बेहतर होता है और इन्ही सब वजह से ब्लू चिप कंपनियों में निवेशकों का ज्यादा भरोसा होता है क्योकिं ये कंपनिया कई दशकों से बिज़नस कर रही होती है|
ब्लू चिप कंपनियों प्रॉफिट होने पर डिविडेंड देने के लिए भी बहुत फेमस होती है | और इसलिए ये कंपनिया निवेशको के लिए बहुत ही आकर्षक हो जाती है |
भारत में ब्लू चिप कम्पनी (Indian Blue Chip Companies)
भारत में कई Blue Chip Companies है, जिनका मार्केट कैपिटलाइजेशन अधिक है एवं लगातार अच्छा बिज़नस कर रहे है | आइये कुछ कंपनियों को देखते है|- Tata Consultancy Services (TCS)
- Infosys
- Indian Tobacco Company (ITC)
- State Bank of India (SBI)
Annual Report क्या है और एनुअल रिपोर्ट कैसे पढ़ें | Annual Report in Hindi
Annual Report क्या है ( Annual Report in Hindi)
Annual Report कंपनी के द्वारा हर साल Shareholders और इंटरेस्टेड पार्टीज के लिएफाइनेंसियल इयर के एंड में पब्लिश किया जाता है | Annual Report में कंपनी साल
भर यानि कि 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के business का लेखा जोखा हिसाब किताब देती है|
किसी कंपनी का सही , trusted और विश्वासनिय फाइनेंसियल डाटा लेने का सबसे अच्छा माध्यम एनुअल रिपोर्ट होता है |
अगर हम एनुअल रिपोर्ट पढना चाहते है तो हम एनुअल रिपोर्ट कंपनी की वेबसाइट या NSE, BSE की वेबसाइट से सॉफ्ट कॉपी के रूप में डाउनलोड करके पढ़ सकते है | यह एकदम फ्री होता है और कोई भी इसे डाउनलोड करके पढ़ सकता है |
Annual Report कैसे पढ़ें (Annual Report Kaise Padhe)
मार्केटिंग कंटेंट
जब भी आप किसी Annual Report को डाउनलोड करते है तो ये आवश्यक देखे कि कंपनी ने ज्यादा कलरफुल Annual Report तो नही बनाया मतलब क्या मार्केटिंग मटेरियल की तरह पेश किया है, मात्र इमेजेज तो नही रखे है |अगर ऐसा है तो वो कंपनी आपका ध्यान भटकना चाहती है ताकि आपसे वह फैक्ट्स को छुपा सके तो ऐसे कंपनियों से सावधान रहना आपकी जिम्मेदारी है |
फाइनेंसियल हाइलाइट्स
इस सेक्शन में कंपनी पिछले कई वर्षों के डाटा को हाईलाइट करता है...जिसमे ग्राफ, टेबल आदि का use करती है...इस सेक्शन में कंपनी के कई सालो के ऑपरेशन व् business performance को compare करती है |मैनेजमेंट स्टेटमेंट एंड Management Discussion and analysis
ये एनुअल रिपोर्ट के दो इम्पोर्टेन्ट सेक्शन है...इस सेक्शन से आपको पता लगता है कि कंपनी के मैनेजमेंट का business और इंडस्ट्री के प्रति क्या पर्सपेक्टिव है | यहाँ पर लिखे एक - एक शब्द को ध्यान से पढना इन्वेस्टर्स के लिए बहुत ही आवश्यक है |मैनेजमेंट स्टेटमेंट से आपको पता चलता है कि जो व्यक्ति टॉप में बैठा है उसका business के प्रति क्या विचार है, क्या मैनेजमेंट ट्रांसपेरेंट है या नही..कुछ गलत या सही आपसे छुपाया तो नही रहा है...कही मैनेजमेंट हवा में तो बात नही कर रहा है...ये सब को आपको ध्यान देना है…
Management डिस्कशन एंड एनालिसिस पुरे Annual Report का सबसे महत्वपूर्ण सेक्शन है...क्योकि यहाँ कंपनी इकॉनमी के मैक्रो ट्रेंड, देश की आर्थिक गतिविधियों, विश्व की आर्थिक गतिविधियों और बिज़नस सेंटिमेंट के बारे में बात करती है |
कंपनी यहाँ पर इंडस्ट्री व् business के फ्यूचर में क्या उम्कमीद करती है उसे भी चर्चा करती है |
शेयर होल्डिंग पैटर्न
कंपनी का कितना शेयर किसके पास है... प्रोमोटर्स ग्रुप ने अपनी shareholoding कम कि है या ज्यादा, घरेलू व विदेशी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी ने कितने परसेंट शेयर होल्डिंग अपने पास रखी है| पब्लिक के पास कितना शेयर है |फाइनेंसियल स्टेटमेंट
यह सेक्शन किसी भी कंपनी का महत्वपूर्ण सेक्शन होता है जो कंपनी के फाइनेंसियल व बिज़नस की स्थिति को बताता है | इस सेक्शन में कंपनी के पुरे साल भर किये गये काम का हिसाब किताब रहता है -- Balance sheet statement
- Profit loss statement
- Cash flow statement
IPO Allotment कैसे चेक करें | IPO Allotment Kaise Check Kare
IPO में अप्लाई किया है, IPO Allotment भी हो गया है लेकिन यह कैसे पता करें कि आपको अलॉटमेंट मिला है या नहीं | इस पोस्ट में मैं बताने वाला हूँ कि आप किसी भी आईपीओ का अलॉटमेंट स्टेटस कैसे चेक कर सकते है |
आपने चाहे किसी भी कंपनी के आईपीओ में अप्लाई किया हो, कोई सा भी रजिस्ट्रार (kfintech, LinkIntime etc.) हो | इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको IPO Allotment Status चेक करना आ जाएगा |
IPO Allotment कैसे चेक करें (How to Check IPO Allotment )
IPO Allotment स्टेटस के लिए क्या चाहिए ( IPO Allotment Status Ke Liye Requirement)
आईपीओ अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने के लिए दो चीज बहुत जरुरी होता है - पहला पैन नंबर और दूसरा एप्लीकेशन नंबर | जब भी आप किसी आईपीओ में अप्लाई करते है तो प्रोसेस पूरा होने के बाद उसमें एक Application नंबर मिलता है | यही दोनों चीज आईपीओ अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने के लिए चाहिए |
KFintech Private Limited
Link Intime India Private Ltd
BSE India Website
Demat Account क्या है और कैसे खोलें | Demat Account in Hindi
Demat Account क्या है ( Demat Account in Hindi )
Demat Account कहाँ खोले ( Demat Account Kaha Khole)
- Zerodha
- Upstox
- Angel Broking
- 5 Paisa
- Samco
- MotilalOswal
- ShareKhan
- Kotak Securities LTD
- ICICI Securities LTD
- SBI (State Bank of India )
- Axis Securities LTD
- HDFC Securities LTD
Demat Account खोलने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें
- एक अच्छा स्टॉक ब्रोकर चुने
- स्टॉक ब्रोकर जो कम से कम या जीरो ब्रोकरेज (सर्विसेस के लिए चार्ज ) ले रहा हो
- फुल सर्विस ब्रोकर हर महीनें स्टॉक टिप्स के नाम पर चार्जर्स लेते है, अतः जीरो ब्रोकरेज को चुन सकते है |
Demat Account कैसे खोले ( Demat Account Kaise Khole)
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- एक फ़ोटो
- वोटर कार्ड
- राशन कार्ड
- ड्राइविंग लाइसेंस
- इलेक्ट्रीसिटी बिल
- पासपोर्ट
- कैंसल चेक ( Cheque )
- या बैंक स्टेटमेंट
Demat Account कहा खुलता है ( Demat Account Kaha Khulta Hai )
- Central Depository Services Limited (CDSL)
- National Securities Depository Limited(NSDL)
IPO क्या है ? IPO in Hindi | Initial Public Offering In Hindi
IPO क्या होता है (IPO in Hindi)
कम्पनी अपना IPO क्यों लाती है ? (Company IPO Kyu Lati Hai)
PE Ratio in Hindi | पीई रेश्यो क्या है और Price Earnings Ratio कैसे निकालते है?
पीई रेश्यो क्या है (PE Ratio in Hindi)
पीई रेश्यो कैसे निकालते है (PE Ratio Kaise Nikale)
पीई रेश्यो निकालने के लिए हमें कंपनी का ईपीएस (EPS) पता होना आवश्यक है | ईपीएस की मदद से ही हम किसी कंपनी का पीई रेश्यो निकाल सकते है | इसका फार्मूला इस प्रकार है -हम किसी भी कम्पनी का PE रेश्यो तब तक नहीं जान सकते है जब तक हम उस कंपनी का EPS नही जान लेते है|
आइये उदहारण की सहायता से इसे समझने का प्रयास करे , एक कंपनी JKL है जिसके 10 लाख शेयर है | कंपनी JKL को वर्ष 2050 में 20 लाख का नेट प्रॉफिट(शुद्ध लाभ ) हुआ | इस कम्पनी JKL का शेयर की बाजार में कीमत 40 रूपयें है | तो इसका ईपीएस क्या होगा -
PE Ratio का सही प्रयोग कैसे करे
ध्यान रखने वाली बात (Points to Remember)
- कभी भी केवल PE रेश्यो को ही देखकर निवेश न करे
- पूरी कंपनी व बिज़नेस की फंडामेंटल एनालिसिस करे
- PE दिखाता है कि कोई शेयर सस्ता या महंगा ट्रेड हो रहा है
- ज्यादातर लोग 21 से ज्यादा PE वाले स्टॉक पर इन्वेस्ट नही करते
ईपीएस क्या है | EPS Full Form in Hindi | Earnings Per Share क्या है
ईपीएस क्या है (EPS Full Form in Hindi )
ईपीएस कैसे निकालें (EPS Kaise Nikale)
आइये इसे एक उदाहरण लेकर समझते है मान लीजिये एक कंपनी है ABC जिसका कुल 1 लाख शेयर है | कंपनी ABC वर्ष 2021-22 में 40 लाख रूपयें का नेट प्रॉफिट कमाती है तो कंपनी ABC को हर शेयर में कितनी कमाई होती है या कंपनी ABC का ईपीएस क्या होगा -
IPO Allotment कैसे होता है | IPO Allotment Kaise Hota Hai
IPO Allotment कैसे होता है (IPO Allotment Kaise Hota Hai)
अगर आपने आईपीओ में अप्लाई किया है तो आपको पता होगा कि हम लोग आईपीओ में 4, 10, 18 शेयर्स नही खरीद सकते है बल्कि हमे कम्पनियों के द्वारा निर्धारित किया गया शेयर्स खरीदने होते है |ये शेयर्स कंपनिया lot में रखती है जैसे 1 lot = 50 शेयर, 100, 300, 400 आदि | सेबी के रूल्स के अनुसार एक lot की कीमत 10 हजार से 15 हजार के बीच होती है |
IPO Undersubscription
अगर जितने lots है उनसे कम मात्रा में शेयर खरीदने की बोली आती है तो IPO अंडरसब्सक्राइब्ड माना जाता है | IPO अंडरसब्सक्रिप्शन के कंडिशन में इन्वेस्टर्स को उनके बोली में फुल शेयर मिलते है |IPO Oversubscription
अगर जितने lots है उनसे ज्यादा मात्रा में शेयर खरीदने की बोली आती है तो IPO ओवरसब्सक्राइब्ड माना जाता है | ओवरसब्सक्रिप्शन भी दो प्रकार से हो सकते है |कम लोगो ने आईपीओ में अप्लाई किया - जब कम लोग IPO में अप्लाई करते है और IPO ओवरसब्सक्राइब्ड हो जाता है तो सभी अप्लाई करने वालो को 1 lot मिलते है |
उदाहरण- एक कम्पनी ने शेयर्स के 20000 lots ऑफर किये है लेकिन 18000 इन्वेस्टर्स ने IPO में अप्लाई किया तो ऐसे में 18000 निवेशको को 1 lot दिए जायेंगे |
अब 2000 lots को उन निवेशको के बीच बाँट दिया जायेगा जिन्होंने 1 lot से अधिक की बोली लगाई थी |
ज्यादा लोगो ने आईपीओ में अप्लाई किया - जब ज्यादा लोग IPO में अप्लाई करते है और IPO ओवरसब्सक्राइब्ड होता है तो इस कंडिशन में शेयर्स का बंटवारा lots का ड्रा करते है मलतब लाटरी होता है |
उदाहरण- कम्पनी ने शेयर्स के 20000 lots ऑफर किये है लेकिन 1 लाख इन्वेस्टर्स ने शेयर्स के lot के लिए अप्लाई किया है तो ऐसे में केवल 20000 निवेशको को lots मिल पाएंगे |
अब ये 20000 इन्वेस्टर्स कौन होंगे ये कंप्यूटर आधारित लाटरी से निकाला जायेगा | कंप्यूटर आधारित लाटरी से सभी निवेशको को शेयर पाने का बराबर मौका मिलता है व lots किसको मिलेगा ये उनके भाग्य पर निर्भर करता है |
IPO Allotment का चांस कैसे बढायें (IPO Allotment Ka Chance Kaise Badhaye)
आईपीओ में शेयर पाने के चान्स को बढ़ाने के लिए आपको केवल दो आसान काम करने है -पहला - अपने एप्लीकेशन फॉर्म को कम्पलीट व सही तरीके से भरे |
दूसरा - हमेशा cut-off प्राइस पर अप्लाई करे | cut-off प्राइस , आईपीओ इशू प्राइस का हाई प्राइस होता है |
नोट: अगर आईपीओ ओवरसब्सक्राइब्ड होता है तो आपको एक भी lot मिलेगा इसकी कोई गारंटी नही होती है | आपको शेयर मिलेगा या नही ये आपके भाग्य पर निर्भर है |
शेयर कब खरीदें | शेयर खरीदने का सही समय | Right Time to Buy Shares
When to Buy Shares
जब एक इन्वेस्टर सही समय में शेयर खरीदता है तो उसे रिटर्न भी अच्छा मिलता है | आप भी निश्चित रूप से इस मौके का इंतजार कर रहें होंगे,जब शेयर खरीदने का सही समय होता है | तो चलिए जानतें है कुछ ऐसें ही अवसर को कैसे पहचानते है |स्टॉक का सेल
आप अमेज़न या फ्लिप्कार्ट आदि पर शॉपिंग कब करते है ? मुझे आपका उत्तर पता है, जब ये कंपनिया "महा सेल" लाते है और डिस्काउंट देते है तब, है ना! इसी प्रकार स्टॉक मार्केट में भी सेल लगता है, ऐसा मौका स्टॉक मार्केट में आपके लिए तब आता है, जब मार्केट डाउन होता है, और सब डर रहे होते है कि आगे क्या होगा, लेकिन एक चालक इन्वेस्टर इस मौके का इंतजार करता है |आपके रेंज में हो
आप सोच रहे होंगे "आपके रेंज में हो" इसका क्या मतलब है? यहाँ मेरा मतलब है, जब आप स्टॉक का रिसर्च करते है और शेयर को खरीदने का सही रेंज या प्राइस निर्धारित करते है तो उस रेंज पर अगर स्टॉक का प्राइस जाये तो आपको खरीद लेना चाहिए |अंडरवैल्यूड स्टॉक
जब आप किसी स्टॉक का intrinsic value निकलते है तो आपको पता होता है कि शेयर का रियल वैल्यू क्या है लेकिन स्टॉक मार्केट में शेयर का दाम ऊपर नीचे होते है इसलिए जब कोई स्टॉक intrinsic value से ऊपर ट्रेड हो रहा हो तो आपको शेयर नही खरीदने चाहिए बल्कि स्टॉक intrinsic value से नीचे ट्रेड हो तब ख़रीदे |नये प्रोडक्ट लॉन्च
कम पैसो से शेयर बाजार कैसे शुरू करें ? 1000 रूपये से शेयर बाजार कैसे शुरू करें ?
क्या कम पैसों से शेयर बाजार में इन्वेस्ट किया जा सकता है ? आइये दोस्तों आज इस पोस्ट में मैं बताता हूँ कि कैसे आप कम पैसो से शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते है | इस पोस्ट में मैं अपना खुद का अनुभव बताने वाला हूँ कि कैसे मैंने अपना शेयर बाजार इन्वेस्टमेंट कम पैसो से कैसे शुरू किया और इससे मुझे क्या फायदा हुआ?
शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट शुरू करते समय हमारे मन में यह सवाल आता है कि क्या शेयर बाजार में पूंजीपति अमीर लोग ही पैसा लगाते है या कम पैसों से भी शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट शुरू किया जा सकता है ? या शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट शुरू करने के लिए कम से कम कितने पैसो की जरुरत पड़ती है ?
शेयर बाजार हर किसी को अपनी मनचाही कम्पनी में जो शेयर बाजार में लिस्टेड है उसमें पैसे इन्वेस्ट करने का मौका देता है | शेयर बाजार हर किसी को अच्छी कम्पनी खरीदनें का मौका देता है, मतलब शेयर बाजार में कोई भी इन्वेस्ट कर सकता है, जिसके पास बहुत ज्यादा पैसे है वह भी या जिसके पास कम पैसे है वह भी |
शेयर बाजार में कितना पैसा लगाना है इसका किसी प्रकार से कोई लिमिट तय नहीं है, शेयर बाजार में कोई भी रकम से शुरुआत किया जा सकता है और पैसा कमाया जा सकता है | शेयर बाजार की शुरुआत करने के लिए कोई निश्चित रक़म तय नहीं है, कोई भी व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार कितना भी पैसा लगा सकता है | शेयर बाजार में कोई भी व्यक्ति 1 रूपये से लेकर 1000 करोड़ या उससे अधिक पैसों को लगा सकता है |
मैंने जब शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट करना शुरू किया था उस वक्त मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं थे, उस वक्त मेरे पास मात्र 1000 रूपये ही थे और मैंने उतने से ही अपना इन्वेस्टमेंट शुरू किया था | मुझे अपने पहले इन्वेस्टमेंट में 30% से 40% तक का loss हो गया था पर इससे मुझें एक फ़ायदा भी हुआ, जिसे मैंने इस पोस्ट में आगे बताया है |
कम पैसों से शुरू करने का फ़ायदा
चाहे आप किसी भी प्रकार का इन्वेस्टमेंट कर रहे हो, कम पैसों का होना ख़राब नहीं है बल्कि यह हमारे लिए फायदेमंद है | जैसे मैंने अपने पहले इन्वेस्मेंट के बारे में बताया जिसमे मुझे 40% तक का नुकसान हो गया था |
मैंने अपना पहला इन्वेस्टमेंट 1000 रुपयों से किया था जिसका 40% मतलब 400 रूपये का नुकसान हुआ था, जरा सोचिये अगर मैंने 1 लाख रूपयें लगायें होते तो क्या होता, मुझे 40 हजार रुपयों का नुकसान होता | अब अगर किसी को भी अपने पहले ही इन्वेस्टमेंट में 40 हजार का नुकसान होता है तो वह शेयर बाजार में दोबारा पैसे नहीँ लगाएगा, क्योंकि मैंने केवल 1000 रूपयें इन्वेस्ट किये थे इसलिए मुझें ज्यादा नुकसान नही हुआ था और मैं यह भी कह रहा था कि अगर मेरे 1000 रूपयें भी पुरे डूब जाते है तो मुझें कोई फर्क नहीं पड़ेगा |
यहाँ पर मैं यह कहना चाहता हूँ कि शेयर बाजार कभी यह नही कहता कि तुम्हारे पास ज्यादा पैसे नहीं है तो तुम इंतजार करों , तुम अभी शेयर नहीं खरीद सकते , तुम्हें मैं शेयर बाजार में आने की अनुमति नहीं देता हूँ |
शेयर बाजार में कोई भी इन्वेस्ट कर सकता है जिसके पास कम पैसे है वो भी शेयर बाजार में इन्वेस्ट करके अच्छा रिटर्न कमा सकता है | शेयर बाजार में छोटी सी रकम लगाकर बड़ा पैसा बनाया जा सकता है |
शेयर बाजार से पैसा कमाने का सही तरीका | शेयर बाजार से पैसा कैसे कमायें ? Share Market Tips in Hindi
शेयर बाजार ने पैसा कमाने के मामले में कईयों को लुभाया है, पर शेयर बाजार से पैसा उसी ने कमाया है जिसने इसे समझ कर पैसा लगाया है |
आइये आज मैं आपको शेयर बाजार से पैसे कमाने के सेक्रेस्ट्स के बारे में बताता हूँ | शेयर बाजार जो सभी इन्वेस्टमेंट जैसेः फिक्स्ड डिपोजिट, सोना, रियल एस्टेट आदि से बहुत अधिक रिटर्न दे सकता है पर अगर शेयर बाजार में सही से इन्वेस्ट किया नहीं तो ये आपको बहुत ज्यादा का नुकसान करा सकती है इसलिए इसे समझ कर पैसा लगाने में ही भलाई है |
शेयर बाजार अधिक पैसे कमाने का मौका देता है इसलिए इसमें आपको पैसा जरुर इन्वेस्ट करना चाहिए, लेकिन इसमें उसी पैसों को इन्वेस्ट करना है जिसकी जरूरत आपको नहीं होने वाली है, और जो loss हो जाये तब भी आपको कोई फर्क न पड़े |
आज वारेन बुफे, राकेश झुनझुनवाला, रामदेव अग्रवाल, विजय केडिया आपने ऐसे कई नाम सुने होंगे जिन्होंने शेयर बाजार से बहुत पैसा कमाया है | अगर आप इनके इंटरव्यू शो आदि देखे है तो आपको यह पता होगा कि ये सारे इन्वेस्टर्स कभी भी यह नही बोलते है कि हमने शोर्ट टर्म में पैसा कमाया है बल्कि सभी हमेशा सही कम्पनी को चुनकर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट की सलाह देते है |
अगर आप किसी भी सफल इन्वेस्टर से पूछते है कि आपकी सफलता का राज क्या है तो हर सफल इन्वेस्टर यही कहेंगे की लम्बी दौड़ के घोड़ो पर दाव लगाव यानि कि ऐसी कम्पनी चुनों जो आने वाले समय में बहुत ज्यादा पैसा कमाने वाली है |
अब यह इतना आसान नहीं है कि यह अनुमान लगाया जा सके कि कौन सी कम्पनी भविष्य में सबसे ज्यादा पैसा कमाने वाली है, इसमें कई बार आपका अनुमान सही हो सकता है और कई बार आप गलत हो सकते है |
रामदेव अग्रवाल कहते है कि मैं ऐसी कम्पनी में पैसा लगाता हूँ जिसमे कम्पनी तेजी से भागे तो खूब सारा पैसा बनाके दे वरना कम से कम 25% रिटर्न देके जाती है |
शेयर बाजार से पैसा कमाने का राज | Secret of Making money in the Share market
सही कम्पनी चुनों - किसी भी कम्पनी के शेयर खरीदने से पहले उस कम्पनी के बिज़नस के बारे में अच्छे से जानो कम्पनी क्या करती है ? कम्पनी का प्रोडक्ट क्या है ? कम्पनी कैसा सर्विस देती है ? कम्पनी के ग्राहक कौन है ? इसके बाद यह देखो कि कम्पनी कितना प्रॉफिट कमा रही है | यह सभी चीजे जानने के लिए खुद से रिसर्च करो, उसके बाद ही कंपनी सही लगे तो ही इन्वेस्ट करें |
लम्बे समय के लिए पैसे लगाओ - वारेन बुफे कहते है कि अगर आप किसी कम्पनी को 10 साल के लिए नहीं खरीद सकते है तो उसे 10 मिनट के लिए भी मत खरीदो |
शेयर बाजार में बहुत सारे लोग पैसे कमाते है लेकिन शेयर बाजार से रातोंरात पैसा कमाना संभव नही है | शेयर जो कि बिज़नस का हिस्सा होता है, इसलिए उसका कीमत भी बिज़नस बढ़ने के साथ बढ़ता है मतलब जब कोई कम्पनी अपना प्रॉफिट हर साल बढाती जाती है तो उसका शेयर का दाम भी बढ़ते जाता है | और इसके लिए आपको 5-10 साल इंतजार भी करना पड़ता है |
धैर्य रखों - शेयर बाजार में आज लगायें पैसे को जितना अधिक समय देते है उतना अधिक पैसा बढ़ता है बशर्ते कम्पनी का चुनाव सही हो व कम्पनी रेगुलर तौर पर अच्छा परफॉर्म कर रही हो | वारेन बुफे, रामदेव अग्रवाल, राकेश झुनझुनवाला इन सभी ने लॉन्ग टर्म के लिए पैसे इन्वेस्ट किये और धैर्य रखा तभी जाकर उन्होंने शेयर बाजार से पैसे कमाए है |
शेयर बाजार क्या है ? Share Market in Hindi | शेयर बाजार कैसे काम करता है ?
शेयर बाजार क्या है (Share Market in Hindi)
शेयर क्या होता है ( Share Kya Hota Hai)
शेयर बाजार कैसे काम करता है ( Share Bazaar Kaise Kam Karta Hai)
Share Bazaar कैसे काम करता है | How Share Market Works in Hindi
Share Bazaar कैसे काम करता है
जब स्टॉक प्राइस घटता या बढ़ता है तो इससे ट्रेडर/इन्वेस्टर को घाटा व फायदा होता है इसलिए ट्रेडर/इन्वेस्टर कंपनियों के शेयर को खरीदते व बेचते है |मान लीजिये एक कंपनी ABC है जो सायकल बनाने का बिज़नस करती है और जिसका तिमाही रिजल्ट आज आने वाली है | तो अब आप ABC के शेयर खरीदेंगे या बेचेंगे ?
मुझे यकीन है आप रिजल्ट के आने का इंतजार कर सकते है और अन्य मार्केट प्रतिभागी भी क्योकिं स्टॉक मार्केट में ऐसे होने वाले इवेंट्स ही शेयर के दाम को घटाने व बढ़ाने का समाचार देते है |
चलिए देखतें है आज आने वाला तिमाही रिजल्ट के आधार पर शेयर का दाम कैसे घटेगा या बढ़ेगा|
कंडीशन 1:
कंपनी ABC का रिजल्ट ख़राब आया, कंपनी ने प्रॉफिट न करके नुकसान उठाया | अब ऐसे में यह नेगेटिव खबर पूरे जगह फैलती है और सभी निवेशक/ट्रेडर अगले दिन इस कम्पनी के स्टॉक को बेचने लगते है क्योकिं कम्पनी को घाटा हुआ है |अब नियम कहता है कि जब ज्यादा लोग बेचने वाले हो जाते है तो किसी भी वस्तु की कीमत कम हो जाती है | कंपनी ABC के शेयर के दाम भी कम हुए क्योकिं सभी इसके शेयर बेच रहे थे |
कंडीशन 2:
ABC कम्पनी का रिजल्ट अच्छा आता है, कम्पनी का मुनाफा बढ़ जाता है | यह एक पॉजिटिव खबर है और जब यह खबर निवेशकों/ट्रेडर्स को पता चलता है तो वे ABC के शेयर खरीदनें लगते है |अब नियम कहता है कि ज्यादा लोग जब किसी वस्तु को खरीदने की मांग करते है तो उस वस्तु की कीमत बढ़ जाती है | कंपनी ABC के शेयर के दाम भी बढ़ गये क्योकिं सभी इसके शेयर खरीद रहे थे |
इस प्रकार से जब स्टॉक मार्केट से किसी शेयर को ख़रीदा या बेचा जाता है जिससे स्टॉक मार्केट ऊपर नीचें होता है | इसी तरह से किसी भी देश का स्टॉक मार्केट काम करता है |
मल्टीबैगर स्टॉक क्या है | मल्टीबैगर स्टॉक कैसे चुने
शेयर बाजार में इन्वेस्ट करके आप पैसा कमाना चाहते है लेकिन इसके लिए आपको एक ऐसे स्टॉक की जरूरत होगी जो आपको कई गुना तक का रिटर्न दे सके, पर ऐसे स्टॉक या शेयर की पहचान क्या है जो आपको multibagger रिटर्न दे |
मल्टीबैगर स्टॉक क्या है ( Multibagger Stock Kya Hai)
स्टॉक जो अपनें खरीदें गयें दाम से कई गुना ज्यादा रिटर्न देते है उन stocks को multibagger stocks कहा जाता है | multibagger stock के फंडामेंटल काफ़ी स्ट्रोंग होते है इसलिए ऐसे स्टॉक में निवेश करना इन्वेस्टर्स के लिए फायदेमंद होता है |उदाहरण: अगर आपनें कोई स्टॉक 200 के भाव पर ख़रीदा है जो 5 साल के अंदर 2000 हो जाता है तो उसे 10 बैगर कहते है |
मल्टीबैगर स्टॉक कैसे चुने (Multibagger Stock Kaise Chune)
मैं अब 5 सीक्रेट्स के बारे में बताने वाला हूँ जिसको ध्यान में रखकर multibagger stock का पता लगा सकतें है-बिज़नेस ग्रोथ: आप अगर मल्टीबैगर स्टॉक की तलाश कर रहें है तो आपको उस कंपनी कि तलाश करनी चाहिए जिसकी फ्यूचर बिजनेस में बहुत ज्यादा ग्रोथ होने वाली है|
जब भी आप किसी स्टॉक में इन्वेस्ट करने का प्लान बना रहे है तो आपको सबसे उस स्टॉक के भविष्य के फ्यूचर बिजनेस को ध्यान में रखना चाहिए |
सेल्स & प्रोडक्ट्स: multibagger stocks को पहचानने का सबसे बेहतरीन तरीका है कि आप कम्पनी के सेल्स व प्रोडक्ट्स को चेक करें क्योकिं जब तक कम्पनी का प्रोडक्ट सही नही है तब तक सेल्स नही बढ़ेगा और अगर सेल्स नही बढ़ेगा तो कम्पनी का profit भी नहीं बढ़ेगा |
अतः सेल्स बढ़ रहा है कि नही यह पता करना आवश्यक हो जाता है |
अंदरवैल्यूड स्टॉक ख़रीदे: ऐसे स्टॉक जिनके फंडामेंटल काफ़ी अच्छे होते है पर कुछ वजहों से अपने वास्तविक मूल्य से कम दाम में ट्रैड होते है उन्हें undervalued stocks कहतें है | अगर आप ऐसें स्टॉक को खरीदते है तो आपके multibagger रिटर्न मिलने के चांसेस बढ़ जाते है |
कंपनी पर उधार: कंपनी का उधार कम से कम हो क्योंकि जब कोई जब कोई कम्पनी उधार लेकर काम करती है तो उसे अपने प्रोफिट से सबसे पहले लोन व ब्याज चुकाने पढ़ते है |
अगर आपने कभी उधार लिया होतो आप इसे अच्छे से समझ सकते है |
रिटर्न ओन इक्विटी: अगर कम्पनी का रिटर्न ओन इक्विटी 25% या इससे ज्यादा है तो यह एक अच्छे स्टॉक की निशानी होती है |
Bonus Share क्या है | बोनस शेयर किसे मिलता है | Bonus Share in Hindi
Bonus Share क्या है?
Bonus Share कम्पनी के द्वारा issue किया जाने वाला शेयर है जिसे कम्पनी अपने शेयर होल्डर्स को रिवॉर्ड या इनाम के रूप में देती है | Bonus share को कंपनी के शेयरहोल्डर फंड्स से issue किया जाता है |Bonus Share Issue कैसे होता है?
ये शेयर कंपनी के शेयर होल्डर्स को free में दिया जाता है इसलिए इसका अलोटमेंट फिक्स्ड रेश्यो में किया जाता है जैसेः 1:1, 2:1, 3:1, 5:1 आदि | आप को कितना बोनस शेयर मिलेगा यह आपके द्वारा होल्ड किये गयें शेयर के आधार पर तय किया जाता है |बोनस इशू | बोनस से पहले शेयर | बोनस से पहले शेयर मूल्य | इन्वेस्टमेंट राशि | बोनस के बाद शेयर | बोनस के बाद शेयर मूल्य | इन्वेस्टमेंट राशि |
---|---|---|---|---|---|---|
1:1 | 100 | 75 | 7,500 | 200 | 37.5 | 7500 |
3:1 | 30 | 550 | 16,500 | 120 | 137.5 | 16,500 |
5:1 | 2000 | 15 | 30,000 | 12,000 | 2.5 | 30,000 |
Bonus Share कब दिया जाता है?
इस पोस्ट को उन लोगों को भेजों जिन्हे आप Bonus share के बारे में बताना चाहतें है :)
स्टॉक स्पिलिट क्या है | स्टॉक स्पिलिट का फायदा किसे मिलता है | Stock Split in Hindi
Stock Split क्या है?
Stock Split कब, क्यों होता है?
Stock Split कैसे होता है?
शेयर धारकों के शेयर कि संख्या बढ़ जाती है, यह एक प्रकार से बोनस शेयर जारी करने की तरह होता है |
आपके पास जो पहले एक शेयर था तो इस प्रकार एक शेयर बढकर दो शेयर हो जायेगा |
स्पिलिट रेश्यो | पुराना फेस वैल्यू | आपके शेयर स्पिलिट से पहले | शेयर के दाम स्प्लिट से पहले | निवेशित पूंजी स्पिलिट से पहले | नया फेस वैल्यू | आपके शेयर स्पिलिट से बाद | शेयर के दाम स्प्लिट से बाद | निवेशित पूंजी स्पिलिट से बाद |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
1:2 | 10 | 100 | 900 | 90,000 | 5 | 200 | 450 | 90,000 |
1:5 | 10 | 100 | 900 | 90,000 | 2 | 500 | 180 | 90,000 |
Best Stock Broker कैसे चुने - फुल गाइडेंस | Best Stock Broker Kaise Chune
Best Stock Broker कैसे चुने?
- फुल सर्विस ब्रोकर ( Full Service Broker )
- डिस्काउंट सर्विस ब्रोकर ( Discount Service Broker )
- आप एक नये निवेशक है तो आपको किस प्रकार की सुविधा ( फुल सर्विस या डिस्काउंट सर्विस) चाहिए |
- क्या आप खुद से रिसर्च करना चाहते है |
- स्टॉक ब्रोकर की नजदीकी ब्रांच कहा है |
- आप कम से कम सर्विस चार्ज (ब्रोकरेज ) देना चाहते है |
- जो स्टॉक ब्रोकर आप चुनने वाले है उसका कस्टमर रिलेशनशिप कैसा है |
- स्टॉक ब्रोकर ने कोई फ्रॉड या स्कैम या पैसा लेकर भागी नही है मतलब शेयर ब्रोकर की हिस्ट्री कैसी है |
- फण्ड ट्रान्सफर करने के फैसिलिटी कैसी है |
- ट्रेडिंग प्लेटफार्म (मोबाइल एप्प व वेबसाइट) कैसा है |
Nifty क्या है | निफ्टी में कितनी कम्पनियां है | Nifty in Hindi
स्टॉक एक्सचेंज वह जगह है जहा कंपनी अपने share को जनता के लिए लिस्ट या उपलब्ध कराती है|
भारत में केवल दो ही बड़े स्टॉक एक्सचेंज है|
1. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)2. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज(NSE)
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE): यह एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज है जिसे सन 1875 में स्थापित किया गया इसमें 5000 से अधिक कंपनिया लिस्ट की जा चुकी है | यह दलाल स्ट्रीट मुंबई में स्थित है |
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE): यह भारत का लीडिंग स्टॉक एक्सचेंज है इसमें 1600 से अधिक कंपनिया लिस्टेड है |
भारतीय शेयर बाजार के सूचकांक(Index)
- सेंसेक्स (Sensex) 30 मुख्य कम्पनी
- निफ्टी ( Nifty ) 50 मुख्य कंपनी
Nifty क्या है ( Nifty in Hindi )
Nifty 50 Companies
Company Name | Industry | Symbol |
Adani Ports and Special Economic Zone Ltd. | SERVICES | ADANIPORTS |
Asian Paints Ltd. | CONSUMER GOODS | ASIAN PAINT |
Axis Bank Ltd. | FINANCIAL SERVICES | AXISBANK |
Bajaj Auto Ltd. | AUTOMOBILE | BAJAJ-AUTO |
Bajaj Finance Ltd. | FINANCIAL SERVICES | BAJFINANCE |
Bajaj Finserv Ltd. | FINANCIAL SERVICES | BAJAJFINSV |
Bharat Petroleum Corporation Ltd. | ENERGY | BPCL |
Bharti Airtel Ltd. | TELECOM | BHARTIARTL |
Bharti Infratel Ltd. | TELECOM | INFRATEL |
Cipla Ltd. | PHARMA | CIPLA |
Coal India Ltd. | METALS | COALINDIA |
Dr. Reddy's Laboratories Ltd. | PHARMA | DRREDDY |
Eicher Motors Ltd. | AUTOMOBILE | EICHERMOT |
GAIL (India) Ltd. | ENERGY | GAIL |
Grasim Industries Ltd. | CEMENT & CEMENT PRODUCTS | GRASIM |
HCL Technologies Ltd. | IT | HCLTECH |
HDFC Bank Ltd. | FINANCIAL SERVICES | HDFCBANK |
Hero MotoCorp Ltd. | AUTOMOBILE | HEROMOTOCO |
Hindalco Industries Ltd. | METALS | HINDALCO |
Hindustan Petroleum Corporation Ltd. | ENERGY | HINDPETRO |
Hindustan Unilever Ltd. | CONSUMER GOODS | HINDUNILVR |
Housing Development Finance Corporation Ltd. | FINANCIAL SERVICES | HDFC |
I T C Ltd. | CONSUMER GOODS | ITC |
ICICI Bank Ltd. | FINANCIAL SERVICES | ICICIBANK |
Indiabulls Housing Finance Ltd. | FINANCIAL SERVICES | IBULHSGFIN |
Indian Oil Corporation Ltd. | ENERGY | IOC |
IndusInd Bank Ltd. | FINANCIAL SERVICES | INDUSINDBK |
Infosys Ltd. | IT | INFY |
JSW Steel Ltd. | METALS | JSWSTEEL |
Kotak Mahindra Bank Ltd. | FINANCIAL SERVICES | KOTAKBANK |
Larsen & Toubro Ltd. | CONSTRUCTION | LT |
Mahindra & Mahindra Ltd. | AUTOMOBILE | M&M |
Maruti Suzuki India Ltd. | AUTOMOBILE | MARUTI |
NTPC Ltd. | ENERGY | NTPC |
Oil & Natural Gas Corporation Ltd. | ENERGY | ONGC |
Power Grid Corporation of India Ltd. | ENERGY | POWERGRID |
Reliance Industries Ltd. | ENERGY | RELIANCE |
State Bank of India | FINANCIAL SERVICES | SBIN |
Sun Pharmaceutical Industries Ltd. | PHARMA | SUNPHARMA |
Tata Consultancy Services Ltd. | IT | TCS |
Tata Motors Ltd. | AUTOMOBILE | TATAMOTORS |
Tata Steel Ltd. | METALS | TATASTEEL |
Tech Mahindra Ltd. | IT | TECHM |
Titan Company Ltd. | CONSUMER GOODS | TITAN |
UPL Ltd. | FERTILISERS & PESTICIDES | UPL |
UltraTech Cement Ltd. | CEMENT & CEMENT PRODUCTS | ULTRACEMCO |
Vedanta Ltd. | METALS | VEDL |
Wipro Ltd. | IT | WIPRO |
Yes Bank Ltd. | FINANCIAL SERVICES | YESBANK |
Zee Entertainment Enterprises Ltd. | MEDIA & ENTERTAINMENT | ZEEL |